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अपने दर्द पर मुस्कुराता हु अच्छा लगता है अपना गजल

अपने दर्द पर मुस्कुराता हु अच्छा लगता है

अपना गजल गुनगुनाता हूं अच्छा लगता है

अच्छा नहीं लगता जब तेरी आवाज न सुनूं

जब तुझे अपना हाल बताता हु अच्छा लगता है

कड़ी धूप में कपड़ा सूखते हुए उसे मैं देखने

तपती छत पर नंगे पाओ आता हु अच्छा लगता है

ये हिज्र के ज़ख्म नासूर है इलाज न कर हकीम

इन जख्मों पर नाखून मारता हु अच्छा लगता है

उदास होता है अपनी गजलो की वाह वाही पर

मगर रोते  हुए दर्द लिखता हु अच्छा लगता है

©BROKENBOY #chaandsifarish 

अपने दर्द पर मुस्कुराता हु अच्छा लगता है

अपना गजल गुनगुनाता हूं अच्छा लगता है

अच्छा नहीं लगता जब तेरी आवाज न सुनूं

जब तुझे अपना हाल बताता हु अच्छा लगता है

कड़ी धूप में कपड़ा सूखते हुए उसे मैं देखने

तपती छत पर नंगे पाओ आता हु अच्छा लगता है

ये हिज्र के ज़ख्म नासूर है इलाज न कर हकीम

इन जख्मों पर नाखून मारता हु अच्छा लगता है

उदास होता है अपनी गजलो की वाह वाही पर

मगर रोते  हुए दर्द लिखता हु अच्छा लगता है
अपने दर्द पर मुस्कुराता हु अच्छा लगता है

अपना गजल गुनगुनाता हूं अच्छा लगता है

अच्छा नहीं लगता जब तेरी आवाज न सुनूं

जब तुझे अपना हाल बताता हु अच्छा लगता है

कड़ी धूप में कपड़ा सूखते हुए उसे मैं देखने

तपती छत पर नंगे पाओ आता हु अच्छा लगता है

ये हिज्र के ज़ख्म नासूर है इलाज न कर हकीम

इन जख्मों पर नाखून मारता हु अच्छा लगता है

उदास होता है अपनी गजलो की वाह वाही पर

मगर रोते  हुए दर्द लिखता हु अच्छा लगता है

©BROKENBOY #chaandsifarish 

अपने दर्द पर मुस्कुराता हु अच्छा लगता है

अपना गजल गुनगुनाता हूं अच्छा लगता है

अच्छा नहीं लगता जब तेरी आवाज न सुनूं

जब तुझे अपना हाल बताता हु अच्छा लगता है

कड़ी धूप में कपड़ा सूखते हुए उसे मैं देखने

तपती छत पर नंगे पाओ आता हु अच्छा लगता है

ये हिज्र के ज़ख्म नासूर है इलाज न कर हकीम

इन जख्मों पर नाखून मारता हु अच्छा लगता है

उदास होता है अपनी गजलो की वाह वाही पर

मगर रोते  हुए दर्द लिखता हु अच्छा लगता है
brokenboy6934

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#chaandsifarish अपने दर्द पर मुस्कुराता हु अच्छा लगता है अपना गजल गुनगुनाता हूं अच्छा लगता है अच्छा नहीं लगता जब तेरी आवाज न सुनूं जब तुझे अपना हाल बताता हु अच्छा लगता है कड़ी धूप में कपड़ा सूखते हुए उसे मैं देखने तपती छत पर नंगे पाओ आता हु अच्छा लगता है ये हिज्र के ज़ख्म नासूर है इलाज न कर हकीम इन जख्मों पर नाखून मारता हु अच्छा लगता है उदास होता है अपनी गजलो की वाह वाही पर मगर रोते  हुए दर्द लिखता हु अच्छा लगता है