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White भीगी कलियाँ, भीगी पलकें, सीली सीली सर्द

White     भीगी कलियाँ, भीगी पलकें, सीली सीली सर्द हवा
प्यासी रूह हुई भाव विभोर ज्यों दिलों का सरगम हुआ II
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               अंतर्मन के तार बजे भोर की महकी फिजाओं में
    धुली गर्त सदियों से जमी मधुबन सा खिल अंग-अंग हुआ II
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©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"
  #flowers  Nîkîtã Guptā Anshu writer अब्र The Imperfect Sethi Ji Ashi Writes