क्या लिखूं ऐ जीवन तेरे विषय में? जीवन है तू किंतु मृत्यु ही सत्य में, जीवन है तु बलवानों के परिचय में, जीवन होकर मृत्यु है पीड़ितों के हाई में। तु्च्छ है तू गुरु के विद्यालय में, तू ही सब कुछ है आलस्य के राज्य में, तू ही श्रेष्ठ है कुछ विशेषज्ञ्य में, क्रीडा के अतिरिक्त कुछ भी नहीं वास्तव में। असाकिर ©Asakiruddin जीवन क्रीडा है। #Dark