मुझको मुझसे ही मिला दे मेरे मालिक अब तो, एक मुद्दत से मैं ख़ुद से नहीं मिल पाया हूं। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #मेल