एक कमाने का काम लिया हाथ में उसमे भी खरे नहीं उतरे तुम।
बचपन से जवानी, जीवन के हर पग पर नारी को कम आंका कम बताया,खुद पर भरोसा न करना सिखाया, चुप रहना, बुराई सहना सिखाया, घर के काम इसकी राजनीति में उलझाया, बेटियों का आत्मविश्वास आत्मसम्मान छोटी छोटी बातो से तोड़ा, कभी उनका साथ न दिया, केवल अक्षर ज्ञान दिया वो भी न जाने किस तरह,
समाज रीति रिवाज परंपरा संस्कार मर्यादा से जकड़ा इन्सान केवल जिंदा रह जाए तो भी जीवन की महानतम उलपब्धि होती है।
अपने घर की नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हे #Quotes