मेरे दादा जी के पास बहेन नहीं थी। मेरे बड़े पापा जी और पिता जी के पास भी बहेन नहीं थी। देर से ही सही पर हमारे हिस्से मे बहेन आई और हमारे बेटों के हिस्सों मे पहले बहेन आई फिर भाई आये है। और आज मै फिर से एक बार एक परी का चाचा बन गया हूँ। ©kishan mahant #एक और परी