कैसी वफाएं? किस बात की बेवफ़ाई, रस्में उल्फत थी, मैंने; अकेले ही निभाई। ये दिल का लगाना, कोई सौदा तो नहीं था! अजी मुहब्बत थी! मुझे हो गई, तुम्हें हो न पाई। ✍️"हुड्डन"🙏 #रस्में_उल्फत