चंदन- सी जिंदगी जिओ, भले सर्प लिपटें हो तन में । पर सुगंध को स्थिर रखो मन में, शीतलता रखो मस्तिष्क में। एक दिन आएगा जब कोई वन में , ले जाएगा तुम्हें मंदिर में। रिझेगा देखकर शीतलता पर चढ़ा, देगा ईश्वर के मस्तक में। #शीतलता