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चंदन- सी जिंदगी जिओ, भले सर्प लिपटें हो तन में ।

चंदन- सी जिंदगी जिओ, 
भले सर्प लिपटें हो तन में ।
पर सुगंध को स्थिर रखो मन में,
शीतलता रखो मस्तिष्क में।
एक दिन आएगा जब कोई वन में ,
ले जाएगा तुम्हें  मंदिर में।
रिझेगा देखकर शीतलता पर चढ़ा,
 देगा ईश्वर के मस्तक में।
 #शीतलता
चंदन- सी जिंदगी जिओ, 
भले सर्प लिपटें हो तन में ।
पर सुगंध को स्थिर रखो मन में,
शीतलता रखो मस्तिष्क में।
एक दिन आएगा जब कोई वन में ,
ले जाएगा तुम्हें  मंदिर में।
रिझेगा देखकर शीतलता पर चढ़ा,
 देगा ईश्वर के मस्तक में।
 #शीतलता