यहाँ हर कोई है मुसाफ़िर, संसार दो दिन का बसेरा है, जो आया है एक दिन जाएगा, बस योगी वाला फेरा है। निश्चित समय सभी के, इंतजार कर रहे हैं अपनी बारी, कुछ चले गए जहाँ से, कुछ कर रहे चलने की तैयारी। मुसाफ़िर हैं, एक दिन इस जहाँ से कूच कर जाएंगे, नाम, यश, कृति रह जाएगी, बाकी सब मिट जाएंगे। ना कर गुमान अपने तन पर, मिट्टी में मिल जाएगा, इंतज़ार कर मुसाफ़िर, कब यम का बुलावा आएगा। # fairchallenge 8 📌दिये हुए विषय पर अपनी स्वयं की श्रेष्ठ रचना लिखिए। 📌रचना सिर्फ 6 से 8 पंक्तियां में होनी चाहिए। 📌अपनी रचना मे #gurumasdisciple टैग लगाकर पोस्ट करें।