#DearZindagi बादल बन जाऊं मैं और बस मंडराऊं तुझपर, तुम बनों जमीं मेरी और मैं छा जाऊं तुझपर, प्रकृति का श्रृंगार मैं सारा सजाऊं तुझपर, सागर सें लेकर प्यार मैं बरस जाऊं तुझपर, भीगकर तुम मुझमें मिला दो मुझे सागर में, मैं लहरों में घुल बार बार छुनें लौट आऊं तुझपर, और जब तपो तुम दोबारा किसी मौसम में अगर, तो बादल बन मैं फिर बरस जाऊं तुझपर, बादल बन जाऊं मैं तेरा,