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कुछ ख्वाहिशें थी,जो पूरी ना हुई , कोई मोहब्बत थी,

कुछ ख्वाहिशें थी,जो पूरी ना हुई , 
कोई मोहब्बत थी,अधूरी रही ।
एक इबादत भी की मैंने, खुदा सुन ही न पाया ।
आईने में मैं अकेला तो था ही, 
कमबख्त जीवन में भी तन्हाई रहीं ।

©Self Made Shayar
  #कुछ ख्वाहिशें थी
rajthakur9958

Self Made Shayar

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#कुछ ख्वाहिशें थी #शायरी

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