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"जिसे गले लगाना था उसे उसने खुद से जुदा कर दिया, ह

"जिसे गले लगाना था उसे उसने खुद से जुदा कर दिया,
हमने इश्क़ मैं उस शक्स को खुदा भी कह दिया,
बन सकती थी हमारी बात भी ,पर उसने कोशिश तक ना कि,
तुम अपना ख्याल रखना ये कहके,
हमे उसने अलविदा कर दिया,"

"खुद कि छत को छोड़ कर गैरो कि छत पर बैठ गये,
तेरे ईन्तजार में हम गमो के बिस्तर पर लेट गये,
हमे देख कर उसे खुशी होनी चाहिए थी,
चहरा देख के हमारा फ़िर ना जाने क्यु वो ऐठ गये,"

"उस्कि नजरों का तीर आज तक जहन में है,
हकिकत में नहीं वो मेरे वहम में हैं,
जान होता इश्क़ गर तो तुम मिलने को तरस जाते,
तुम ने पलट कर देखा होता,
तो सायद हम गुजर ही जाते,"

"ये किस कि दुआ हैं जो कमजोर नहीं,
बर्बाद होकर भी हम फ़कीर नहीं,
जिसे चाहा वो हि दिल्ल दुखाता है,
हमराही मिले तुजे वो जिसे तु चाहता है,
मज्बुर है खुदा,एसी तेरी तक़दीर नहीं,"

©Karan chauhan जिसे गले लगाना था उसे उसने खुद से जुदा कर दिया,
हमने इश्क़ मैं उस शक्स को खुदा भी कह दिया,
बन सकती थी हमारी बात भी ,पर उसने कोशिश तक ना कि,
तुम अपना ख्याल रखना ये कहके,
हमे उसने अलविदा कर दिया,

खुद कि छत को छोड़ कर गैरो कि छत पर बैठ गये,
तेरे ईन्तजार में हम गमो के बिस्तर पर लेट गये,
"जिसे गले लगाना था उसे उसने खुद से जुदा कर दिया,
हमने इश्क़ मैं उस शक्स को खुदा भी कह दिया,
बन सकती थी हमारी बात भी ,पर उसने कोशिश तक ना कि,
तुम अपना ख्याल रखना ये कहके,
हमे उसने अलविदा कर दिया,"

"खुद कि छत को छोड़ कर गैरो कि छत पर बैठ गये,
तेरे ईन्तजार में हम गमो के बिस्तर पर लेट गये,
हमे देख कर उसे खुशी होनी चाहिए थी,
चहरा देख के हमारा फ़िर ना जाने क्यु वो ऐठ गये,"

"उस्कि नजरों का तीर आज तक जहन में है,
हकिकत में नहीं वो मेरे वहम में हैं,
जान होता इश्क़ गर तो तुम मिलने को तरस जाते,
तुम ने पलट कर देखा होता,
तो सायद हम गुजर ही जाते,"

"ये किस कि दुआ हैं जो कमजोर नहीं,
बर्बाद होकर भी हम फ़कीर नहीं,
जिसे चाहा वो हि दिल्ल दुखाता है,
हमराही मिले तुजे वो जिसे तु चाहता है,
मज्बुर है खुदा,एसी तेरी तक़दीर नहीं,"

©Karan chauhan जिसे गले लगाना था उसे उसने खुद से जुदा कर दिया,
हमने इश्क़ मैं उस शक्स को खुदा भी कह दिया,
बन सकती थी हमारी बात भी ,पर उसने कोशिश तक ना कि,
तुम अपना ख्याल रखना ये कहके,
हमे उसने अलविदा कर दिया,

खुद कि छत को छोड़ कर गैरो कि छत पर बैठ गये,
तेरे ईन्तजार में हम गमो के बिस्तर पर लेट गये,

जिसे गले लगाना था उसे उसने खुद से जुदा कर दिया, हमने इश्क़ मैं उस शक्स को खुदा भी कह दिया, बन सकती थी हमारी बात भी ,पर उसने कोशिश तक ना कि, तुम अपना ख्याल रखना ये कहके, हमे उसने अलविदा कर दिया, खुद कि छत को छोड़ कर गैरो कि छत पर बैठ गये, तेरे ईन्तजार में हम गमो के बिस्तर पर लेट गये, #Poetry #Light #Hindi #poem #Shayari