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# "बहुरूपिया है इंसान पल में मुखौ | English Poetry

"बहुरूपिया है इंसान
पल में मुखौटा बदलता है
जाने वो दिल में छुपाए
क्या इरादा रखता है।

दुख न पहुँचे किसी को भी
ख़ुद को ही वो छलता है
दर्द हो चाहें कितना भी गहरा
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

Bronze Star
New Creator
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"बहुरूपिया है इंसान पल में मुखौटा बदलता है जाने वो दिल में छुपाए क्या इरादा रखता है। दुख न पहुँचे किसी को भी ख़ुद को ही वो छलता है दर्द हो चाहें कितना भी गहरा #Poetry #स्वरचितरचना #AnjaliSinghal

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