जइसे चकोर बिना चांद अकेला, ओसही कवि जी के जिंदगीआ कटेला.. मनवा न लागत होई बाबा के आंगनवा,, रोई रोई करत होईहे बिहान हो.. जा ए चंदा ले आवऽ खबरीआ कईसन बाड़े मोर जान हो..