ऐसी लगी की हम समझ नहीं पाऐ, तुम कब आऐ और चले भी गऐ॥ तेरी मरजी चली और तुम सफल हुऐ , मेरे दिल का क्या टूटा था और भी बिखर गये॥ ©p k #Dillagi