Nojoto: Largest Storytelling Platform

अंजान शहर की वीरान गलियों में, निकलकर ढूंढता हूं अ

अंजान शहर की वीरान गलियों में,
निकलकर ढूंढता हूं अपने अक्ष को,
जो है मोहब्बत से परे,
ना जाने कैसे मोहब्बत कर रहा हूं,
अब भी उसी शख्स को,

©Rajnish Sharma
  #मोहब्बत की कशिश

#मोहब्बत की कशिश #शायरी

227 Views