कब कहां कैसे बिछङ गए अपने मै समझ ही नहीं पाई शायद मुझमे ही कोई कमी रही होगी वर्ना मेरे फहरिस्त मे सितारे हुआ करते थे मै जार जार रोई ख़ुद को फिर से एक बार दफन की ख़ुद मे और करवा मुझे जलाता चाला गया.... ©chandni #दूरिया