न जाने कहां खो गये हो तुम बहार होकर भी बहारों के हो गये हो तुम..! कल बहारें लौट जायेंगी क्या तुम लौट पाओगे..! वहीं जहाँ से खो गये हो तुम किसी और के हो गये हो तुम..! छलावों की दुनिया सारी फ़िक्र बहुत है तुम्हारी और छलावों में बहक गये हो तुम..! न जाने कहां खो गये हो तुम..! ©अज्ञात #alone