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देखती थी राह जो कि लौट कर घर आएंगे उसकी पूर








देखती थी राह जो कि लौट कर घर आएंगे
उसकी पूरी ज़िंदगी इंतज़ार में ही गुज़र गई

एक दुनिया को बना के एक बुढ़िया खुश रही
फ़िर रफ़्ता रफ़्ता सारी खुशियां भी बिखर गई

हम गांव को छोड़ कर शहर आ गए और
फ़िर यूं हुआ कि गांव में अम्मा तड़प के मर गई  

: राजन सिंह 🥺🥺



















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©Thakur Rajan Singh
  देखती थी राह जो कि लौट कर घर आएंगे
उसकी पूरी ज़िंदगी इंतज़ार में ही गुज़र गई

एक दुनिया को बना के एक बुढ़िया खुश रही
फ़िर रफ़्ता रफ़्ता सारी खुशियां भी बिखर गई

हम गांव को छोड़ कर शहर आ गए और
फ़िर यूं हुआ कि गांव में अम्मा तड़प के मर गई ....

देखती थी राह जो कि लौट कर घर आएंगे उसकी पूरी ज़िंदगी इंतज़ार में ही गुज़र गई एक दुनिया को बना के एक बुढ़िया खुश रही फ़िर रफ़्ता रफ़्ता सारी खुशियां भी बिखर गई हम गांव को छोड़ कर शहर आ गए और फ़िर यूं हुआ कि गांव में अम्मा तड़प के मर गई .... #2023Recap

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