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रात होते ही जुगनु चमकने लगते थे, जैसे तुझे देख कर

रात होते ही जुगनु 
चमकने लगते थे,
जैसे तुझे देख कर
हम दमकने लगते थे..
क्या जरूरत थी तुझे ?
उसकी बाहों से लिपटने की
हम दोनों भी तो साथ मे,
कितने अच्छे लगते थे.।
हम दोनों भी तो साथ मे,
कितने अच्छे लगते थे.।

©Er Kamal Kishore कितने अच्छे लगते थे..
रात होते ही जुगनु 
चमकने लगते थे,
जैसे तुझे देख कर
हम दमकने लगते थे..
क्या जरूरत थी तुझे ?
उसकी बाहों से लिपटने की
हम दोनों भी तो साथ मे,
कितने अच्छे लगते थे.।
हम दोनों भी तो साथ मे,
कितने अच्छे लगते थे.।

©Er Kamal Kishore कितने अच्छे लगते थे..