Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. तुम को चाहते रहना, ये खुशी हमारी है। बादलों सा उड़ता हूं चढ़ रही खुमारी है। हम जो एक दूजे के वास्ते मुहब्बत हैं। जिंदगी से रिश्ते हैं , मौत से भी यारी है। खत के बाद का मौसम खुशनुमा रहा लेकिन । बाद वस्ल के कैसी दिल में बेकरारी है । कल जहां मुंडेरों पे वो पतंग उतारी थी । कल थी सूट में लड़की अब बदन पे साड़ी है। मैं था सिर्फ दीवाना इसलिए दगा खाई। वो है जिसकी दीवानी पास उसके गाड़ी है। हर तरफ से आई है शोहरतें मेरे जानिब। मां ने आज फिर निर्भय यूं बला उतारी है । निर्भय चौहान २१२१ २२२ ©निर्भय चौहान #holi2024 एक Mohabbati विधार्थी