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nirbhaychauhan6974
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निर्भय निरपुरिया

Nirbahay.kumarsingh1@insta अभी जिंदा हूँ मैं, अभी शब्द आते है मेरे घर, नगमे,ग़ज़लें, शेर ले कर। अभी लिख सकता हो, मैं अपने जज्बात। जो कभी कह नही पता तुमसे। तुमसे बिछड़ने के बाद, ज्यादा पुख्ता हो गई है चाहत। तुम्हे यकीन न हो मगर। अभी जिंदा हूँ मैं।

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निर्भय निरपुरिया

White गया  क्या तेरा बता यार मुस्कुराने में।
जमाना लगता है एक दर्द को भुलाने में।

खतों में लिपटे हुए फूल तुम निकालो तो 
मजा मुझे भी तो आए तुम्हें सताने में ।

फकीर करके मुझे अपना इश्क़ ले जाओ  ।
बची हुई है ये दौलत मेरे  खजाने में 

यकीन तेरी  बफाओं का अब भी करता पर 
वफा दिखी ही नही पर तेरे बहाने में 

अभी तो भा गया  हमको ये दिल का वीराना 
बहुत ही देर  लगा दी हुजूर आने में

हमीं ने तुमको कभी टूट करके चाहा था
हमें ही शर्म क्यों निर्भय है ये बताने में

©निर्भय निरपुरिया #Sad_Status Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya Anshu writer Anup Joshi Madhusudan Shrivastava

#Sad_Status Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya Anshu writer Anup Joshi Madhusudan Shrivastava #शायरी

12 Love

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निर्भय निरपुरिया

White जैसे आती  है दुआ लब पे है ऐसे आई
वह तेरा नाम तेरी याद और तन्हाई

तेरे दिल में  कमोबेश रह गया हूं मैं
या मेरे दिल से यूं ही कोई सदा आई। 

रात को उठ के हिचिकिया तू भी लेता है 
सुबह तलक फिर तुझको भी नींद ना आई 

बस इसी चाह में औरत बनी रही औरत
जुबां पे बच्चों की पहली पहल है मां आई

आग है निकली अभी बेसाख्ता दरिया से
सफेद साड़ी में लड़की कोई नहा आई 

कोई लड़का खुली किताब है जिसके लिए
फाड़ के पन्ने वही नाव  है बना लाई। 

अब तो शादी के पहले  हुए सारे लफड़े 
दूसरी  शादी हुआ करती थी कभी सगाई 

चारों कांधे  कम पड़ने लगे घर के लिए 
पूरी पड़ती रही है बस बाप की कमाई 

मिन्नतें करके ओयो  में लाने के बाद 
लड़का बोल पड़ा लड़की से बेहया आई

©निर्भय निरपुरिया #Hope एक Mohabbati विधार्थी Rakhee ki kalam se  Kumar Shaurya Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava

#Hope एक Mohabbati विधार्थी Rakhee ki kalam se Kumar Shaurya Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava #शायरी

13 Love

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निर्भय निरपुरिया

White दर्द  की दवा भी मरीज़ बतावे।
यह हकीम कौन तरीज़ बतावे।।

एक तरफा रास्ता है ये दिल का।
बेवफा इसे भी अरीज़ बतावे।।

दिल किसी नबाब का नोचने को है।
मूल्ला हरम कु  हरीज़ बतावे।

क्या गजल कहूं बोल उस बदन पर 
अंधा जिसका हुस्न  करीज़ बतावे।

©निर्भय चौहान
  #GoodMorning  Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Vishalkumar "Vishal" Rakhee ki kalam se  Nazar

#GoodMorning Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Vishalkumar "Vishal" Rakhee ki kalam se Nazar #शायरी

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निर्भय निरपुरिया

White हम सफर के वास्ते सामान थे।।
मंजिलों से आपकी अनजान थे।।

इश्क के सब रास्ते थे अजनबी।
इसके किनारों पे बहुत दुकान थे।

©निर्भय चौहान #mountain
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निर्भय निरपुरिया

White हम मोहब्बत के सफर पर जा रहे।
बोलिए किस वास्ते घबरा रहे।।

बाग के सब फूल देखो  खिल चुके
बाग के सब फूल है मुरझा रहे। 

कल किसी ने दी हमें थी बददुआ  
आज महफिल में है गजलें गा रहे

चांद के पहलू में सदियों से खड़ा
इस जहां में आशिकी जिंदा रहे

कागजों पर बह चली है स्याहियां 
वास्ते नस्लों के भी रस्ता रहे। 

बाद तेरे वह गली ही छोड़ दी
ताजा कलियों पे  नया भौंरा रहे। 

वह नदी मंदिर किनारा छोड़ कर 
शहर की गलियों में है पछता रहे।

यह जहां तुमको मुबारक यार सुन
क्या बदल जायेगा गर हम ना रहे। 

बिजली के तारों में उलझी है पतंग
सर ता पा अब आशिकी  लटका रहे 

कल कयामत होनी हो सो आज हो 
बाद उसके कौन जाने क्या रहे। 

निर्भय चौहान

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©निर्भय चौहान #Road Vishalkumar "Vishal" Anshu writer Sudha Tripathi एक Mohabbati विधार्थी Snehi Uks

#Road Vishalkumar "Vishal" Anshu writer Sudha Tripathi एक Mohabbati विधार्थी Snehi Uks #शायरी

17 Love

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निर्भय निरपुरिया

White विरह वेदना की जो सारी दहन हो।
पतित चेतना का यही आचमन हो।
बने चाह का फूल जब प्रेम का फल।
हमारा हो अनुनय तुम्हारा भी मन हो।।

©निर्भय चौहान
  #Moon #Muktak #trust  Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se  Nazar Madhusudan Shrivastava

#Moon #muktak #Trust Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se Nazar Madhusudan Shrivastava #शायरी

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निर्भय निरपुरिया

White वो पतझड़ बाद जो आता है मौसम।
गई खुशियां कहां लाता है मौसम।

नए सब फूल पत्ते फल है निकले
नई नजरों को ही भाता है मौसम।।

मैं जब चाहूं  तुम्हें मैं भूल जाऊं । 
तुम्हारी याद ले आता है मौसम।

यूं दिल के सारे ताले बंद है फिर।
भला क्यों लौट कर आता है मौसम ।

पहाड़ों से है ठोकर खा के आया।
मुंडेरों पे बरस जाता है मौसम ।।

बुढ़ापे में जवानी याद करके।
निगाहों में ठहर जाता है मौसम

ज़हन में जब बदलने लगता है तो। 
बदन पर भी उभर आता है मौसम।। 

सियासत आदमी को खाए लेकिन ।
सियासत को भी खा जाता है मौसम। 

मुझे अपना बताता है ये निर्भय
उसे कितना सता जाता है मौसम।

©निर्भय चौहान #SAD Shiv Narayan Saxena Kumar Shaurya Dhyaan mira Snehi Uks Rakhee ki kalam se

#SAD Shiv Narayan Saxena Kumar Shaurya Dhyaan mira Snehi Uks Rakhee ki kalam se #शायरी

17 Love

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निर्भय निरपुरिया

Beautiful Moon Night कैसे तेरी गली से जाएं हम। 
बोलो मर  जाओ  तो मर जाएं हम ।।

तूने हम को है निकाला दिल से । 
अब बता कौन से घर जाएं हम।

चाहती हो नए गुल खुद के लिए । 
यानी शाखों से भी झड़ जाएं हम।

हमने तुम सा ही अदब सीखा था।
और अब कितना सुधर जाएं हम।

गम को अपने न दो तुम नाम मेरा।
चाहती क्या हो क्या  कर जाएं हम।

©निर्भय चौहान #beautifulmoon Anshu writer Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se  USTAD ISMAIL WASIF Madhusudan Shrivastava

#beautifulmoon Anshu writer Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se USTAD ISMAIL WASIF Madhusudan Shrivastava #शायरी

18 Love

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निर्भय निरपुरिया

Men walking on dark street वक्त पे हम कभी,यार मिल जाते तो।
वक्त के हाथ में दिल न देते कभी।
वक्त बेवक्त ये प्यार क्यों लाया है।
छोड़ कर जा रहे जब अपने सभी।

क्या कोई फूल है ,अब जो  सूखा नहीं।
क्या कोई आह है जो कि भूखा नहीं।
क्या मुझे आ गई है तिजारत सनम,
इश्क करके छुपाना क्या धोखा नहीं।
हर घड़ी जिंदगी एक व्यापार है,
जिसमे मुझको मुनाफा न होगा कभी।

चल चलें गांव के मंदिरों की तरफ,
वो शिवाला जहां हम मिले थे कभी।
देख कर के नदी के भंवर डर गए।
भावनाओं के पर, पर हिले थे कभी।
अर्चना आरती सारे ही व्यर्थ हैं,
फिर से अब मुकुराना ना होगा कभी।

क्या तुम्हें याद है,अपनी अंतिम घड़ी,
वो मुलाकात जिसमे लगी थी झड़ी।
एक भींगे हुए खत को हाथो में ले,
तुम सिसकती हुई भींगती थी खड़ी।

सूखे उस खत में अब ढूंढता हूं तुम्हे,
कुछ तो बोलोगी कुछ तो कहोगी कभी।।

निर्भय चौहान

©निर्भय चौहान
  #Emotional  Vishalkumar "Vishal" Snehi Uks Anshu writer Kapil Nayyar Madhusudan Shrivastava

#Emotional Vishalkumar "Vishal" Snehi Uks Anshu writer Kapil Nayyar Madhusudan Shrivastava #कविता

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निर्भय निरपुरिया

याद रहता है सबको अपना गुनाह।
दोष दूसरों को देने के लिए।।

तुमको भी मैं याद तो होऊंगा।।

©निर्भय चौहान
  #boatclub  एक Mohabbati विधार्थी Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se  Anup Joshi

#boatclub एक Mohabbati विधार्थी Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se Anup Joshi #शायरी

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