**!!** खत्म होता मुसलमान **!!** !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! रोता-तड़पता और आंसू बहाता अफगानिस्तान, चुप क्यों है मुसलमान...... कहीं गोलियों की बौछार कहीं नरसंहार, मां बहने सहमी हुई है,कहां गया तेरा सदाचार, पवित्र धर्मी है तो क्यों कर रहे हो अत्याचार। 56 देश 56 करतूत ऐ खुदा , तुझे कितना चाहिए और सबूत, कट्टरपंथी सोच दुनिया को कर रहा है नेस्तनाबूत। जुबान से सिर्फ गोली निकलती है, बेरहम करतूतों से दुनिया जलती है। मंदबुद्धि धरती को बना रहा है श्मशान, रोता तड़पता और आंसू बहाता अफगानिस्तान, क्यों चुप है मुसलमान...... खोलो इनके इतिहास के पन्नों को, गिनती कर नहीं पाओगे इसकी सैतानियों को। कहते हैं हम पवित्र हैं, लगाते इत्र हैं, लेकिन अफसोस यह नहीं किसी का मित्र हैं। आज अफगान की गलियों में, कहीं आंसू कहीं खून बह रहा है। आतंकियों का अड्डा है कट्टर पाकिस्तान, ऐअल्लाह कब खाक होगा तालिबान, खुश होगा सारा जहान। रोता तड़पता और आंसू बहाता अफगानिस्तान, चुप क्यों है मुसलमान...... *************************************** प्रमोद मालाकार की कलम से 18.08.2021... समाज हित में...... मैं कड़वा लिखता हूं लेकिन सच लिखता हूं...... """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" ©pramod malakar #रोता तड़पता अफगानिस्तान Dhruvpuri Goswami