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जब आप स्वयं जज बन कर हर किसी को जज करने लगते हैं त

जब आप स्वयं जज बन कर हर किसी को जज करने लगते हैं तब हम अच्छे और बुरे की अनंत प्रक्रिया में फँस जाते हैं और हम अनायास ही जिंदगी भर अच्छे और बुरे के दो हिस्सों को मान्यता प्रदान करने वाले समूह के सह यात्री बन जाते हैं । यदि हम चीजों को केवल गुणों के हिसाब से ही देखें और मानें की किसी में अवगुण जैसी कोई चीज होती ही नहीं है जैसे सांप में मौजूद जहर उसका गुण है जैसे शेर का हिंसक होना उसका गुण है यह बात अलग है कि हमारे लिए कुछ उपयोगी है और कुछ अनुपयोगी है लेकिन अनुपयोगी का मतलब यह नहीं है कि हम यह समझें कि वह बुरी चीज है  या दुर्गुण है ।आप यह समझ लें प्रकृति में जो भी है उसे उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए।प्रकृति में कोई भी किसी के जैसा नहीं है ,सबके अलग-अलग गुण हैं और इस प्रकृति को जीवंत रखने में सबका योगदान है । आप अपने अल्पज्ञान के कारण जज बन कर किसी को अच्छा और किसी को बुरा घोषित करते रहते हो । जबकि प्रकृति के अन्य जीव निरदुर्भाव आपको इसी रूप में स्वीकार करते हैं . वे तो आपको जज नहीं करते ! एक पेड़ दूसरे को जज नहीं करता।एक फूल,एक नदी,एक पर्वत,हवा,पानी आपको जज नहीं करते ! वे सब अपना कार्य करते हैं। और इसी लिए उनके कार्य में इतना परफेक्शन होता है ।दुनियां में हर चीज का अपना-अपना महत्व है। सब इंजीनियर होंगे या सब IAS बन जायेंगे तो दुनियां का काम रुक जाएगा ।इसलिए जितना महत्व साल का है तो उतना ही महत्व सेकंड का है । हर कोई महत्वपूर्ण है । हम सभी इस पृथ्वी के जीवन श्रृंखला के अंग हैं । एक दूसरे के बिना अधूरे हैं । न कोई बड़ा न छोटा ।सब सहयोगी हैं सब उपयोगी हैं । बस हम नहीं जानते कि इस जीवन श्रृंखला में किसी की क्या उपयोगिता है और यही अज्ञानता हमें अच्छा बुरा छोटा बड़ा का अहसास करवाती है । 
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©Yashpal singh gusain badal' #Childhood जब आप स्वयं जज बन कर हर किसी को जज करने लगते हैं तब हम अच्छे और बुरे की अनंत प्रक्रिया में फँस जाते हैं और हम अनायास ही जिंदगी भर अच्छे और बुरे के दो हिस्सों को मान्यता प्रदान करने वाले समूह के सह यात्री बन जाते हैं । यदि हम चीजों को केवल गुणों के हिसाब से ही देखें और मानें की किसी में अवगुण जैसी कोई चीज होती ही नहीं है जैसे सांप में मौजूद जहर उसका गुण है जैसे शेर का हिंसक होना उसका गुण है यह बात अलग है कि हमारे लिए कुछ उपयोगी है और कुछ अनुपयोगी है लेकिन अनुपयोगी का मतलब यह नहीं है कि हम यह समझें कि वह बुरी चीज है  या दुर्गुण है ।आप यह समझ लें प्रकृति में जो भी है उसे उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए।प्रकृति में कोई भी किसी के जैसा नहीं है ,सबके अलग-अलग गुण हैं और इस प्रकृति को जीवंत रखने में सबका योगदान है । आप अपने अल्पज्ञान के कारण जज बन कर किसी को अच्छा और किसी को बुरा घोषित करते रहते हो । जबकि प्रकृति के अन्य जीव निरदुर्भाव आपको इसी रूप में स्वीकार करते हैं . वे तो आपको जज नहीं करते ! एक पेड़ दूसरे को जज नहीं करता।एक फूल,एक नदी,एक पर्वत,हवा,पानी आपको जज नहीं करते ! वे सब अपना कार्य करते हैं। और इसी लिए उनके कार्य में इतना परफेक्शन होता है ।दुनियां में हर चीज का अपना-अपना महत्व है। सब इंजीनियर होंगे या सब IAS बन जायेंगे तो दुनियां का काम रुक जाएगा ।इसलिए जितना महत्व साल का है तो उतना ही महत्व सेकंड का है । हर कोई महत्वपूर्ण है । हम सभी इस पृथ्वी के जीवन श्रृंखला के अंग हैं । एक दूसरे के बिना अधूरे हैं । न कोई बड़ा न छोटा ।सब सहयोगी हैं सब उपयोगी हैं । बस हम नहीं जानते कि इस जीवन श्रृंखला में किसी की क्या उपयोगिता है और यही अज्ञानता हमें अच्छा बुरा छोटा बड़ा का अहसास करवाती है । 
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जब आप स्वयं जज बन कर हर किसी को जज करने लगते हैं तब हम अच्छे और बुरे की अनंत प्रक्रिया में फँस जाते हैं और हम अनायास ही जिंदगी भर अच्छे और बुरे के दो हिस्सों को मान्यता प्रदान करने वाले समूह के सह यात्री बन जाते हैं । यदि हम चीजों को केवल गुणों के हिसाब से ही देखें और मानें की किसी में अवगुण जैसी कोई चीज होती ही नहीं है जैसे सांप में मौजूद जहर उसका गुण है जैसे शेर का हिंसक होना उसका गुण है यह बात अलग है कि हमारे लिए कुछ उपयोगी है और कुछ अनुपयोगी है लेकिन अनुपयोगी का मतलब यह नहीं है कि हम यह समझें कि वह बुरी चीज है  या दुर्गुण है ।आप यह समझ लें प्रकृति में जो भी है उसे उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए।प्रकृति में कोई भी किसी के जैसा नहीं है ,सबके अलग-अलग गुण हैं और इस प्रकृति को जीवंत रखने में सबका योगदान है । आप अपने अल्पज्ञान के कारण जज बन कर किसी को अच्छा और किसी को बुरा घोषित करते रहते हो । जबकि प्रकृति के अन्य जीव निरदुर्भाव आपको इसी रूप में स्वीकार करते हैं . वे तो आपको जज नहीं करते ! एक पेड़ दूसरे को जज नहीं करता।एक फूल,एक नदी,एक पर्वत,हवा,पानी आपको जज नहीं करते ! वे सब अपना कार्य करते हैं। और इसी लिए उनके कार्य में इतना परफेक्शन होता है ।दुनियां में हर चीज का अपना-अपना महत्व है। सब इंजीनियर होंगे या सब IAS बन जायेंगे तो दुनियां का काम रुक जाएगा ।इसलिए जितना महत्व साल का है तो उतना ही महत्व सेकंड का है । हर कोई महत्वपूर्ण है । हम सभी इस पृथ्वी के जीवन श्रृंखला के अंग हैं । एक दूसरे के बिना अधूरे हैं । न कोई बड़ा न छोटा ।सब सहयोगी हैं सब उपयोगी हैं । बस हम नहीं जानते कि इस जीवन श्रृंखला में किसी की क्या उपयोगिता है और यही अज्ञानता हमें अच्छा बुरा छोटा बड़ा का अहसास करवाती है । 
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©Yashpal singh gusain badal' #Childhood जब आप स्वयं जज बन कर हर किसी को जज करने लगते हैं तब हम अच्छे और बुरे की अनंत प्रक्रिया में फँस जाते हैं और हम अनायास ही जिंदगी भर अच्छे और बुरे के दो हिस्सों को मान्यता प्रदान करने वाले समूह के सह यात्री बन जाते हैं । यदि हम चीजों को केवल गुणों के हिसाब से ही देखें और मानें की किसी में अवगुण जैसी कोई चीज होती ही नहीं है जैसे सांप में मौजूद जहर उसका गुण है जैसे शेर का हिंसक होना उसका गुण है यह बात अलग है कि हमारे लिए कुछ उपयोगी है और कुछ अनुपयोगी है लेकिन अनुपयोगी का मतलब यह नहीं है कि हम यह समझें कि वह बुरी चीज है  या दुर्गुण है ।आप यह समझ लें प्रकृति में जो भी है उसे उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए।प्रकृति में कोई भी किसी के जैसा नहीं है ,सबके अलग-अलग गुण हैं और इस प्रकृति को जीवंत रखने में सबका योगदान है । आप अपने अल्पज्ञान के कारण जज बन कर किसी को अच्छा और किसी को बुरा घोषित करते रहते हो । जबकि प्रकृति के अन्य जीव निरदुर्भाव आपको इसी रूप में स्वीकार करते हैं . वे तो आपको जज नहीं करते ! एक पेड़ दूसरे को जज नहीं करता।एक फूल,एक नदी,एक पर्वत,हवा,पानी आपको जज नहीं करते ! वे सब अपना कार्य करते हैं। और इसी लिए उनके कार्य में इतना परफेक्शन होता है ।दुनियां में हर चीज का अपना-अपना महत्व है। सब इंजीनियर होंगे या सब IAS बन जायेंगे तो दुनियां का काम रुक जाएगा ।इसलिए जितना महत्व साल का है तो उतना ही महत्व सेकंड का है । हर कोई महत्वपूर्ण है । हम सभी इस पृथ्वी के जीवन श्रृंखला के अंग हैं । एक दूसरे के बिना अधूरे हैं । न कोई बड़ा न छोटा ।सब सहयोगी हैं सब उपयोगी हैं । बस हम नहीं जानते कि इस जीवन श्रृंखला में किसी की क्या उपयोगिता है और यही अज्ञानता हमें अच्छा बुरा छोटा बड़ा का अहसास करवाती है । 
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