खयालात पापा के भी बुरे नही है लेकिन अभी कुछ बदले नही है समाज की बन्दिशों से जकड़े हुए है इसीलिए थोड़े अकड़े हुए हैं ज्यादा कुछ कह नहीं पाते बस हमें बढ़ते हुए देख मुस्काते बातें इनकी उसी टाइम समझ नहीं आती, जब ये कहा करते हैं.... पर वो बाते समय रहते काम आ ही जाती हैं ©अर्पिता #ख्यालात पापा के