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जिंदगी मेरी तुझ संग गुनगुनाती है, खुली आंखों में ख

जिंदगी मेरी तुझ संग गुनगुनाती है,
खुली आंखों में ख्वाब सी आती है।
लफ्ज़ लबों पे नज़्म सी सजाती है,
ख्याल सासों की रफ्तार बढ़ाती है।
हर आहट तेरी मौजूदगी दर्शाती है,
नयनों के धागे में बांध ले जाती है।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #नज़्म