Nojoto: Largest Storytelling Platform

कोई कहता मैं हूं सहता, कोई कहती मैं हूं झेलती। पुर

कोई कहता मैं हूं सहता,
कोई कहती मैं हूं झेलती।
पुरुष पीड़ित है महिला,
या महिला पीड़ित है पुरुष।

ये सवाल हर महफिल में है,
ये बवाल हर मन में है।
कहीं सफाई की है नोकझोक,
कहीं घर चलाने की खींचतान।

कहीं मियां करते हैं चार बात,
तो कहीं बेगम के हैं तीखे बोल।
सच्चाई है की दोनों हैं पूरक,
अकेले तो लगते हैं उदास।

परस्पर सम्मान है ज़रूरी,
कुछ अभिमान भी ज़रूरी,
पुरुष और महिला दोनों,
एक दूसरे के बिना अधूरे।

जहां पुरुष है घर का स्तंभ,
और महिला है घर की रानी।
तभी चलता है जीवन सुख से,
और रहता परिवार शान से।

©Archana Chaudhary"Abhimaan"
  #पति पत्नी

#पति पत्नी #Poetry

27 Views