बैंक बेच ,रेलवे बेच , जो बिजली विभाग भी बेच के खाए जीवन बीमा की भी बोली लगाय के जो मंदिर की शरण जाए ऐसा अंदेशा हो रहा कन्ही मंदिर भी बेच न खाए ©Er.Mahesh # निजीकरण #निजीकरण #vacation