तलाश रहा हूँ न जाने क्यों अपने उस नक्श को जो कभी बे परवाह ज़िन्दगी का एक खुशनुमाह हुआ करता था तलाश रहा हूँ न जाने क्यों अपने उस अक्स को जो कभी अफसुर्दगी के दौर में भी साथ हुआ करता था #naksh #aksh #talash #insaan