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राह-ए-आज़ादी पे चला था वो निडर, सत्ता के कुछ भूखो

राह-ए-आज़ादी पे चला था वो निडर, 
सत्ता के कुछ भूखों से था वो बेखबर !

नासमझ ने सोचा था की मिलके आज़ादी पाएंगे, 
उसे क्या पता था की चरखा चलाने वाले ही
 पीठ में छुरा घुसाएंगे....!!

जय हिन्द...।। #शहिद दिन
राह-ए-आज़ादी पे चला था वो निडर, 
सत्ता के कुछ भूखों से था वो बेखबर !

नासमझ ने सोचा था की मिलके आज़ादी पाएंगे, 
उसे क्या पता था की चरखा चलाने वाले ही
 पीठ में छुरा घुसाएंगे....!!

जय हिन्द...।। #शहिद दिन