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White सब काला था एक किरण नहीं, जंगल में पड़े एक ठू

White सब काला था एक किरण नहीं,
जंगल में पड़े एक ठूंठ सा, निर्जीव पड़ा था।
इक एक कोशिका, मृत्यु चाहती थी, पुरुषार्थ तो गर्त में धंसा था।

मुश्किल ही नहीं असंभव था मेरा इस एकांत से बच जाना।
तुम हो तो मैं हूं जब भी जाना मुझे साथ ले जाना।

एक एक अश्रु जो एकांत की स्याह में बहाए 
कुछ भी सुध नहीं, अधर में लटका रहा अलसाये 
इतनी थी अनिक्षा की स्वप्न भी कालिख से आए।
इस अनंत तिमिर में, तुम ही सूर्य बन आए।
बस बचा लो मुझे, मुझ से, प्रेम से कर दो सराबोर, की ये बुरे स्वप्न मिट जाए।

©mautila registan(Naveen Pandey) #where_is_my_love
White सब काला था एक किरण नहीं,
जंगल में पड़े एक ठूंठ सा, निर्जीव पड़ा था।
इक एक कोशिका, मृत्यु चाहती थी, पुरुषार्थ तो गर्त में धंसा था।

मुश्किल ही नहीं असंभव था मेरा इस एकांत से बच जाना।
तुम हो तो मैं हूं जब भी जाना मुझे साथ ले जाना।

एक एक अश्रु जो एकांत की स्याह में बहाए 
कुछ भी सुध नहीं, अधर में लटका रहा अलसाये 
इतनी थी अनिक्षा की स्वप्न भी कालिख से आए।
इस अनंत तिमिर में, तुम ही सूर्य बन आए।
बस बचा लो मुझे, मुझ से, प्रेम से कर दो सराबोर, की ये बुरे स्वप्न मिट जाए।

©mautila registan(Naveen Pandey) #where_is_my_love