जिंदगी तो एक रास्ता है जीवन और मृत्यु के बीच का सफर कितना लंबा होगा यह किसने जाना है रास्ते में फूल मिलेंगे या कांटे, यह तो चलकर ही बताना है। जिंदगी तो एक रास्ता है बचपन और बुढापे के बीच का समय कितना है हमारे पास, किसने जाना है हमें तो यह जीवन बिताना है । जीवन में खुशियां मिलेगी या दुख यह तो उम्र गुजार कर बताना है जिंदगी तो एक रास्ता है , सुबह को शाम से मिलाने का वास्ता है रात कैसी होगी यह तो सोकर ही बताना है. कि सपना पूरा देखा या टूट गया यह तो आंखें खुल जाने पर ही बताना है। जिंदगी तो एक रास्ता है जीवन और मृत्यु के बीच का, सफर कितना लंबा है यह किसने जाना. जिंदगी तो एक जंगल है, जहां तक देखे आंखें ,रस्ता साफ़ है , आगे कैसा होगा किसने जाना है. घने जंगलों में भय का सन्नाटा है. मंजिल तक पहुंच जाएंगे या नहीं, यह तो जंगल का सफर काट कर बताना है. जिंदगी तो बस एक बहाना है हमें तो अंत में मिट्टी में मिल जाना है। .......... Naresh Panghal...... #Hope #poem