White जीवन नैया राम भरोसे चलने दे बन्धु। छलते हैं गर लोग तुझे छलने दे बन्धु। पंथी की काया जग न समझ पाएगा, ऑंधी हो तुफ़ा सबमें जलने दे बन्धु। रख कुछ हौंसले की मजबूत दीवारें, कुद फांदकर आगे बढ़ने दे बन्धु। हॅंसी उड़ाता है जग अच्छों-अच्छों की, छोड़छाड़ सपन सलोने पलने दे बन्धु। राग-द्वेष-ईर्ष्या में क्या मिल जाएगा, जो आये पास तेरे तो मिलने दे बन्धु। समय का फेर तो आता रहेगा 'मनीष' निकलके बाहर थोड़ा टहलने दे बन्धु। ©मनीष कुमार पाटीदार #GoodMorning