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उड़ के चला गया हरजाई, जाने करता कौन कमाई, सू

उड़ के  चला गया हरजाई, 
जाने  करता  कौन  कमाई,

सूनी   सेज  पुकारे  साजन, 
पूछे   तकिया  नर्म   रजाई,

दिल का दर्द किसे समझाएँ, 
अनदेखी  कर  गया कसाई,

कौन सुनाए  अब बच्चों को, 
कथा  परी  की  हातिमताई,

जहाँ प्रेम की बहती सरिता, 
भूल जाए  मन  मान बड़ाई,

नोंक झोंक है रस जीवन का, 
होती  कहाँ  न  मधुर  लड़ाई,

'गुंजन' अपनापन में  जीना, 
होता दुःख  जब  कहे पराई,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #उड़ के चला गया हरजाई#
उड़ के  चला गया हरजाई, 
जाने  करता  कौन  कमाई,

सूनी   सेज  पुकारे  साजन, 
पूछे   तकिया  नर्म   रजाई,

दिल का दर्द किसे समझाएँ, 
अनदेखी  कर  गया कसाई,

कौन सुनाए  अब बच्चों को, 
कथा  परी  की  हातिमताई,

जहाँ प्रेम की बहती सरिता, 
भूल जाए  मन  मान बड़ाई,

नोंक झोंक है रस जीवन का, 
होती  कहाँ  न  मधुर  लड़ाई,

'गुंजन' अपनापन में  जीना, 
होता दुःख  जब  कहे पराई,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #उड़ के चला गया हरजाई#