Nojoto: Largest Storytelling Platform

तहज़ीब हाफी- तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री त

तहज़ीब हाफी-
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया ।
 
फिर मैने ये शेर कहा
इस गंगा जमुनी संगम पर बड़े बड़ों ने पानी भरना सीखा है,
तहज़ीब की रोने वालों तुमने भी सरस्वती का नज़ारा छोड़ दिया।
तहज़ीब हाफी-
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया ।
 
फिर मैने ये शेर कहा
इस गंगा जमुनी संगम पर बड़े बड़ों ने पानी भरना सीखा है,
तहज़ीब की रोने वालों तुमने भी सरस्वती का नज़ारा छोड़ दिया।