तूझे ना मेरी याद आती. मैं यादों में खो जाता हूं ना भुला मैं नगमा वफ़ा का मैं झरनों सा बह जाता हूँ मैं सुनता हूँ तेरे हंसी राग को जो साज मुझे ना आता है तू लहरों सी बहके दिल को घायल कर जाती मैं दर्दे दिल को देख यूँ निःशब्द हो जाता हूँ ©Er. Narendra Mahi Gayatri Kamale Samitaroy