* आलस * उठ खड़े हो क्यूं पड़े हो आलस में क्यू तुम अड़े हो आलस में रहकर क्या होगा उन्नति से अवनति सा होगा जो पाया है वो खो देगा अपनी किस्मत पर रो देगा जो समय गंवाया है तुमने वो आकर के बदला लेगा कुछ कर नही पाओगे तब तुम ख्वाबों ख्याल में रहोगे गुम सोचोगे की कुछ कर लेता था समय पास में पढ़ लेता मस्तिष्क को ज्ञान से भर लेता घर की विपत्ति को हर लेता लेकिन वो समय था बीत गया आलस था तुझको सींच गया सब बिगड़ गया सब निकल गया आलस है तुझको निगल गया है अभी तुम्हारे पास समय है अभी तुम्हारे पास वक्त कहने दो जो सब कहते है छड़ सब चीजें बन जाओ भक्त जब समय तुम्हारा आयेगा दुश्मन भी मिलने आयेगा दिखलाएंगे अपने जैसे हो पूछेंगे भैया कैसे हो तुम ऐसे हो या वैसे हो जब पास तुम्हारे पैसे हो पूछेंगे भैया कैसे हो ©purvarth #Aalas