तेरी बातें,तेरा जिक्र मैं अब भी करता हूँ, तेरे घर लौट आने का इन्तजार, मैं टकटकी लगाए करता हूँ। तुम यादें,जो लम्हें तुमसे बाँटना भूल गया मैं, वो हर एक याद को सम्भाल रखता हूँ। तुम आओगे तो तुमसे ज़िक्र होगा, तुम्हारे लौट आने के इन्तजार में, मैं दरवाज़ा खुला आज भी रखता हूँ। #तेरीबातें #तेरीयादें