अब इससे ज्यादा हम कहीं रुक नहीं पाते तुम टोकते तो सही , हम तेरे घर मे रह ही जाते किसने ख्याल रखा है कब किसी का तुम याद तो करते एक बार हम तो तुम्हारे भीतर ख्याल बन कर ही ठहर जाते अजीब शौक़ पाल रखे है जमाने वालो ने घर के भीतर ही लोग यहाँ जान-पहचान नहीं बढ़ाते मुद्दतो बाद आज सफ़र पर निकला हूँ सुकून ढूंढने नींद आज कल आती कहाँ है रेशमी गद्दों पर सोते-सोते किसने कह दिया कि साँसे खींच जाती है सिगेरट के कशो से दम तो यहाँ चली जाती है उठते-बैठते ,सोते-जागते मेरा लिखा कुछ #मेरे जज़्बात #Nojoto #NojotoHindi