हम अपने हकों की लड़ाई कब लड़ेंगे, कब तलक खून हमारा निचोड़ा जाएगा, मत गाड़ो अर्श पर आंखें, अब ना मसीहा ऊपर से कोई आएगा, मसीहों के नाम बांट रखा है तुम्हें टुकड़ों में, हर कोई तुम्हें ईंधन की तरह जलाएगा, तुम अब इंसान नहीं इस्तेमाल की वस्तु हो, अपनी जरूरत के मुताबिक चलाएगा, कुछ सांसे हैं अगर बाकी,उठाओ विरोध का झंडा, तुम ना बच पाए तो वतन बच जाएंगे। ©Harvinder Ahuja #मानवाधिकार Praveen Jain "पल्लव" vimlesh Gautam