शौर भी हो तो अपने मुताबिक़ हो , दुनिया का शौर मुझे अच्छा नहीं लगता | शौर भी हो तो अपने मुताबिक़ हो , दुनिया का शौर मुझे अच्छा नहीं लगता | सुशील ग़ाफ़िल