वो मुहब्बतों का शहर तुझ तक पहुँचेगा कोई और हमारे जैसा हम तेरे शहर तक आते - आते मर जाएँगे न रातों को नींद , न दिन में करार सपने आँखों में किस तरह समाएँगे सजदे में हरदम रहने की है शर्त दरिया किस तरह कर पाएँगे - - ©Sweety love #fish