Nojoto: Largest Storytelling Platform

मै टूट सी गई हूं अब,खुद को संभालते संभालते, ना जान

मै टूट सी गई हूं अब,खुद को संभालते संभालते,
ना जाने क्यों यकीन है ,में फिर संभलूंगी तेरे होते।
थोड़ी नमी है आंखो मै लेकिन दिल अभी हारा नहीं है 
ऐ जिन्दगी तू बता दे तूने मेरे हिस्से इतना गम डाला  क्यू है ,
माना मै कमजोर नहीं लेकिन बार बार मेरे ख़्वाबों का जनाजा निकलवाया क्यों है ।
मुझे खबर थी अपनी पहले लेकिन अब बेखबर बनाया क्यों है ।। मुझे इतना तोड़ा क्यों है
मै टूट सी गई हूं अब,खुद को संभालते संभालते,
ना जाने क्यों यकीन है ,में फिर संभलूंगी तेरे होते।
थोड़ी नमी है आंखो मै लेकिन दिल अभी हारा नहीं है 
ऐ जिन्दगी तू बता दे तूने मेरे हिस्से इतना गम डाला  क्यू है ,
माना मै कमजोर नहीं लेकिन बार बार मेरे ख़्वाबों का जनाजा निकलवाया क्यों है ।
मुझे खबर थी अपनी पहले लेकिन अब बेखबर बनाया क्यों है ।। मुझे इतना तोड़ा क्यों है

मुझे इतना तोड़ा क्यों है #poem