मै टूट सी गई हूं अब,खुद को संभालते संभालते, ना जाने क्यों यकीन है ,में फिर संभलूंगी तेरे होते। थोड़ी नमी है आंखो मै लेकिन दिल अभी हारा नहीं है ऐ जिन्दगी तू बता दे तूने मेरे हिस्से इतना गम डाला क्यू है , माना मै कमजोर नहीं लेकिन बार बार मेरे ख़्वाबों का जनाजा निकलवाया क्यों है । मुझे खबर थी अपनी पहले लेकिन अब बेखबर बनाया क्यों है ।। मुझे इतना तोड़ा क्यों है