White एक अध्यापिका अक्सर सोचती थी कि काश! मैं भी कोई नेत्री, अभिनेत्री या अधिकारिणी होती तो दुनिया मानती, डरती और जानती !! एक दिन की बात है वो किसी काम से बाज़ार गई तभी उसने देखा की अचानक से बीच बाज़ार में एक पुराना छात्र आया और उनका पैर छू लिया, उस समय उनकी आंखे नम हो गई और जो अक्सर सोचती थी, वो बात याद आ गई! फ़िर उसे अहसास हुआ कि अध्यापिका होना कितनी सम्मान की बात है! ना डर ना भय और ना दिखावा सिर्फ़ व सिर्फ़ सम्मान..........अभिप्राय -------- यह कहानी में अध्यापक/ अध्यापिका की भावनाएं और उसके काम के प्रति समर्पण दर्शाता है Written by R K Prasad ............✍️ #r_k_prasad #Right #story ©R K Prasad #Thinking Aaj Ka Panchang