Nojoto: Largest Storytelling Platform

White मिलकर मुझसे वो ऐसे लौट जाती है बहते पानी से

White मिलकर मुझसे वो ऐसे लौट जाती है 
बहते पानी से जैसे धरा लौट जाती है 

ग़ालिबन उसे मोहब्बत थी किसी से 
समझ धूप मुझे बो झाओ लौट जाती है 

बहते पानी की चमकती रैत जैसी बो है 
आँखो आँखो मे मिट्टी सी बैठ जाती है 

भर आँखो मे आंशू भुलाया है उसे अब्दुल 
ये बरसात भी मगर शिने मे बैठ जाती है

©Khan Shahb
  #sad_shayari मिया भाई
khanshahb6341

Khan Shahb

New Creator

#sad_shayari मिया भाई #शायरी

63 Views