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हो बखान खूबसूरती की तो, जुबां फिसल कह जाती है नार

हो बखान खूबसूरती की तो,

जुबां फिसल कह जाती है नारी ।

मन में नाम खुदा का,

पर मगन में आ जाती है नारी ।।

वार हो ,दरबार हो या कोई घर बार हो,

हर चर्चे में आ जाती है नारी।।

कर्म ,धर्म ,युद्ध सब में शामिल नारी,

स्वर्ग की अप्सरा भी नारी,

धरती की वैश्या भी नारी,,

तीनों लोकों की स्वामिनी है नारी।।

सह दुख दर्द घर स्वर्ग कर जाती नारी,

आदि शक्ति लक्ष्मी स्वरूपा है नारी,,

खड्ग उठा प्रचंड दुर्गा की मूर्ति है नारी।

तेज़ के आगे इसके ढह जाए हर दुर्ग,ऐसी है नारी ।।

हे!सृष्टि के रचयिता ..,

क्या अदभुत तेरी लीला है,

रूप हो,स्वरूप हो या तपती धूप हो,

बाहें पकड़ अपने आराध्य की,

खड़ी हो जाती है नारी ।।।।

written by(संतोष वर्मा..)
आजमगढ़ वाले ..खुद की ज़ुबानी नारी तो है नारी...
हो बखान खूबसूरती की तो,

जुबां फिसल कह जाती है नारी ।

मन में नाम खुदा का,

पर मगन में आ जाती है नारी ।।

वार हो ,दरबार हो या कोई घर बार हो,

हर चर्चे में आ जाती है नारी।।

कर्म ,धर्म ,युद्ध सब में शामिल नारी,

स्वर्ग की अप्सरा भी नारी,

धरती की वैश्या भी नारी,,

तीनों लोकों की स्वामिनी है नारी।।

सह दुख दर्द घर स्वर्ग कर जाती नारी,

आदि शक्ति लक्ष्मी स्वरूपा है नारी,,

खड्ग उठा प्रचंड दुर्गा की मूर्ति है नारी।

तेज़ के आगे इसके ढह जाए हर दुर्ग,ऐसी है नारी ।।

हे!सृष्टि के रचयिता ..,

क्या अदभुत तेरी लीला है,

रूप हो,स्वरूप हो या तपती धूप हो,

बाहें पकड़ अपने आराध्य की,

खड़ी हो जाती है नारी ।।।।

written by(संतोष वर्मा..)
आजमगढ़ वाले ..खुद की ज़ुबानी नारी तो है नारी...