किताबें कोने में हैं पड़ी , उंगलियां जवाब अब गूगल पे तलाशती हैं, दादी नानी वाले नुस्खे पुराने हो गए अब , सारी तैयारी यूट्यूब से हो जाती हैं, हंसना,मुस्कुराना,उदास होना अब कैप्शन से पता चलता है, सबके चेहरे झुके हुए है चमकते आयिने पर अब कौन, कन्हा, किसी से बैठ के बतियाता है , मैदान खाली है सारे , सारा खेल ऑनलाइन ही हो जाता है, अनकही कहानी जो हमारे साथ चल रही होती है ज़िन्दगी मगर कोई केह पाता है ? ©sukhwant kumar saket #Light #ऑनलाइन #दुनिया #अनसुनी #कहानी