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sukhwantkumar6315
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sukhwant kumar saket

Still Scribbling ... Mechanical Engineer... Let's listen to a story

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sukhwant kumar saket

हिंदी आज भी संघर्ष की भाषा है,
युग बीते पर हिंदी हाशिए पर पड़ी रही,
आज भी पुस्तकों के मेले में,हिंदी खुद को टाट पर टिमटिमाती हुई पीली रोशनी के बीच पाती है,
और ब्रितानी इंग्लिश ने अपने लिए तीन मंजिला! मकान बना लिए हैं!
आलम ये है जैसा संसार वैसा श्रृंगार,
अंग्रेज़ी नई बात कहती है,युवा खूब रीझते है,
हाथ में एक अंग्रेजी की क़िताब FOMO से बचाती है, अरे !भाई अंग्रेज़ी नवीनीकरण की उदाहरण है ! 
और हिंदी साहित्य दबी,और छायावादी ढंग से अपनी पेशी लगाती है,
डर ये भी है कन्ही जोर से आवाज़ दी तो रही सही क़मर भी तोड़ दी जाएगी ! 

मैं भी कुछ पल द्वंद में था की woke बनूं या यथार्थ चुनूं ?
तभी नज़र एक ओर पड़े परसाई जी पर आ ठहरी !
अंग्रेजीदा लोगों के बीच मैंने व्यंग चुना और आवाज़ लगाईं "how much for this?".
गौरतलब हो सारी हिंदीनुमा थकी नज़रे किताबें छोड़ तनी भृकुटी से मेरी ओर हुई और मुस्कुराते हुए किताबें टटोलने लगी.

भीड़ अब भी अंग्रेज़ी की ओर ही थी, शायद थोड़ी परेशान भी,
 बस मैं और  कुछ हिंदी पसंद लोग मुस्कुरा रहे थे, उन्हें पता था इस मीठे व्यंग का जवाब अंग्रेज़ी में नहीं है.!

मैं गलत था हिंदी संघर्ष की नहीं संवाद की खूबसूरत भाषा है ।

©sukhwant kumar saket #Books #hindi_poetry #हिंदी
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sukhwant kumar saket

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sukhwant kumar saket

मेरे सर पर अब नहीं आसमान मेरा,
वक्त और कितने लेगा इम्तेहान मेरा,
तुम कहते हो रूखा है लफ्ज़ ए बयान मेरा!
एक पन्ना ले गया सारा साबो सामान मेरा,
हो मशरूफ सजाया था एक सपना सुनहरा,
रिश्ते का बटवारा करके तोड़ दिया वादों का घेरा,
अब बिखर गए तो सौदा करने आए हो  ये हिस्सा तेरा वो हिस्सा मेरा !

©sukhwant kumar saket
  हिस्से का किस्सा #हिस्सा #किस्सा #कहनी #कहानी #हिंदी
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sukhwant kumar saket

एक सूरज ढल जायेगा, एक रात सुनहरी आयेगी ,
चांद फलक पर  आएगा ,दिल को बगिया रौशन हो जायेगी,
एक रात कल भी आई थी एक रात कल भी आएगी ,
एक बात अधूरी है कल से शायद कल पूरी हो जाएगी,
रुको जरा नया सवेरा तो देखो ,जिस सपने की आस तुम्हें कल शायद पूरी हो जाएगी ।
आज भी ना आए खुशी कल शायद आजायेगी ....

©sukhwant kumar saket #Poet #Community #f4f #poem✍🧡🧡💛 #hindi_poetry #Sayad #Kal
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sukhwant kumar saket

वैसे हर रंग की कलम है दराज में 
पर  रंग कोई इतना गहरा नहीं की 
फर्क करदे मेरे बीते कल और आज में ,
फिर वही साज लिख रहा हूं मैं ...।
पुराने लफ्ज़,पुरानी हलचल सब संजो रहा हूं मैं ।
फिर वही साज लिख रहा हूं मैं ...।
पन्नों की सिलवटों के बीच शब्दोें का अड़ा तिरछापन
पिरो रहा हूं मैं .
फिर वही साज लिख रहा हूं मैं ... 
हर ढलती शाम फिर से समझ रहा हूं मैं
कई कहानियों के बीच चल रहा हूं मैं 
फिर वही सब लिख रहा हूं मैं ...
पुराने मर्म पर नए मरहम मल रहा हूं मैं..
फिर वही सब लिख रहा हूं मैं .
हर रात पुराने ख़्वाब में नई करवटें बदल रहा हूं मैं ..
देखो ना ! फिर वही साज लिख रहा हूं मैं ..
अधूरे , पुराने, गमगीन ,बदगुमा, निराश किरदार रच रहा हूं मैं .....
फिर वही सब लिख रहा हूं मैं !

©sukhwant kumar saket सब लिख रहा हूं मैं ।।

#WritersSpecial

सब लिख रहा हूं मैं ।। #WritersSpecial #कविता

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sukhwant kumar saket

जब भी कोई कहता है merry Christmas
जी में आता है बोल दूं तेरी क्रिसमस तू ही रख ,...

©sukhwant kumar saket #SagarKinare❤ #क्रिसमस #हंसी #मजाक #मजाकिया
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sukhwant kumar saket

फिर से पढ़ना लिखी  हुई कहानियां मेरी , क्या पता उनके बीच छिपे  दर्द मेरे  किसी दरार से झांकते हुए मिल जाए ।

©sukhwant kumar saket #पढ़ना

#booklover
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sukhwant kumar saket

क्या कहा  हमराज बनना है ?
सुरों के बीच टूटा हुआ साज बनना ?
इतनी गलफत में क्यों हो की
जो बनना है बस आज बनना है।
तरक्की देखी है मैंने सिसकते दिल के दर्दों की,
क्यों सब जान कर भी बिखरा आफताब बनना है।
सुनो !  सिर्फ मरना काफी नहीं बताने को
दहकते  अंगारों पर मुस्कुरा कई बार गुजरना है ।
मिल जाए सुकून दो बूंदों के बीच तुम्हें जो,
वो लम्हा छुपा के चुप चाप चलना है ।
क्या कहा हमराज बनना है ?

©sukhwant kumar saket #Hmraaz #tum #main #Sb #ishq #Hindi #urdu #rekhta #viral 

#WalkingInWoods
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sukhwant kumar saket

कयामत के रोज़ पूछूंगा एक बार ?
गलत तो नहीं था मैं हर बार ?
फिर क्यों होती है तपिश सीने में ?
क्यों कलम है चीखने को बेकरार ?
कयामत के रोज़ पूछुंगा एक बार ....

©sukhwant kumar saket #कयामत #कागज #कलम #दावत #कहानी #गलती #मिश्री #यादों #दर्द 

#meltingdown
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sukhwant kumar saket

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