White सबसे मिलके भी हम अजनबी से रहे, अपने ही घर में जैसे बेख़ुदी से रहे। हर चेहरा एक कहानी सुनाता रहा, और हम ख़ुद से ही छुपके किसी गली से रहे। जिनसे उम्मीदें थीं, वो ख़्वाब बन गए, जिन्हें अपनाया, वो सवाल बन गए। भीड़ के बीच भी तनहाई का आलम रहा, हर नज़र से बचते हुए दिलचस्पी से रहे। ये कैसी जिंदगी का फ़साना हुआ, हर रिश्ता जैसे एक बहाना हुआ। सबसे मिलकर भी दिल खाली रहा, जैसे अपनों में ही अजनबी सा फसाना हुआ। ©UNCLE彡RAVAN #good_night_images